गरीबीबचपनाआनेहीनहींदेतीहै, बच्चेअपनेपरिवारकाभारउठानेकीमज़बूरीमेंबचपनमेंहीजवानहोजातेहैंऔरजवानीसेपहलेबूढ़े. हालाँकिध्यानसेदेखोतोवहबच्चेभीअपनेहीलगतेहैं, उनमेंभीअपनेहीबच्चोंकाअक्सनज़रआताहै. कुछबच्चोंकेपाससबकुछहैऔरकुछकेपासहैकेवललाचारी...
गरीबबच्चोका
ख्वाबहोताहै
बचपन
कबपैदाहुए
कबजवान
औरकबचलदिये
अनंतयात्रापर
यादभीनहीं
क्याहैज़िन्दगी
शायदहसरतोका
नामहै,
याफिरउम्मीदोंका
हसरतें
कब किसकी पूरीहुईहैं?
और
उम्मीदेंतोहोतीही
बेवफाहैं
ऊँचीइमारतेंकी
क्या खता है
आखिरऊँचाइयोंसे
कबदीखताहै
धरातल
'कुछ'कुलबुलातासा
नज़रआताहै
'कीड़ों'कीतरह
याकुछपरछाइयाँ
जोअहसासदिलातीहैं
शिखरपरहोनेका
किसीकाबच्चा
कईदिनसेभूखाहै
तोहुआकरे
ज़िदकरके
मेरेबच्चेनेतो
पीज़ाखालियाहै
ठिठुरतीठण्डकोकोई
सहननाकरपाया
मुझेक्या,
मेरा बच्चा तो
नर्मबिस्तरसेरूबरूहै
क्योंनाहो,
आखिर'हम'कमाते
किसकेलिएहैं?
'अपने'बच्चोकेलिएहीना!
जबगरीबोंकीकोई
ज़िन्दगीहीनहीं
तो'बचपन'कैसा?